Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
पुलस्त्य को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ के डॉक्टरों ने उनका प्राथमिक उपचार किया। हालत बिगड़ने पर उन्हें एंबुलेंस से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
कोलकाता। धर्मतला में जूनियर डॉक्टरों का अनशन 10वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनकी प्रतिक्रिया की मांग की है। आंदोलनकारियों ने घोषणा की है कि वे सोमवार को राजभवन का घेराव करेंगे और मंगलवार को राज्यभर में मानव श्रृंखला बनाएंगे। शनिवार से अनशन पर बैठे पुलस्त्य आचार्य की तबीयत रविवार रात बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें एनआरएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। पुलस्त्य को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ के डॉक्टरों ने उनका प्राथमिक उपचार किया। हालत बिगड़ने पर उन्हें एंबुलेंस से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जूनियर डॉक्टर देबाशीष हालदार ने साफ किया कि वे किसी राजनीतिक दल या मध्यस्थता के जरिए अनशन खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "यह नागरिकों का आंदोलन है, और इसमें राजनीतिक दलों का स्वागत नहीं है। हमारा संघर्ष तभी समाप्त होगा, जब सरकार हमारी 10 मांगों पर सकारात्मक कदम उठाएगी।"
देबाशीष ने सीबीआई की चार्जशीट को कमजोर बताते हुए कहा कि इसमें जिन दो लोगों को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम शामिल नहीं हैं। उन्होंने राजभवन का घेराव करने की घोषणा की, ताकि राज्यपाल से सीबीआई जांच पर अविश्वास जताया जा सके।
मंगलवार को मानव श्रृंखला बनाने की योजना
मंगलवार को कोलकाता के रेड रोड पर दुर्गा पूजा विसर्जन का कार्निवल आयोजित होगा। हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए आंदोलनकारी कार्निवल में कोई व्यवधान नहीं डालेंगे, लेकिन शहर और जिलों में सड़कों पर शांतिपूर्ण मानव श्रृंखला बनाएंगे। देबाशीष ने कहा, "हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं और प्रोत्साहन के लिए किसी तरह की अराजकता पैदा नहीं करेंगे।"
आंदोलन को मजबूत करने के लिए कई वरिष्ठ डॉक्टर भी समर्थन में सामने आए हैं। वे सुबह से लेकर रात तक 12 घंटे का प्रतीकात्मक अनशन कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी पेन-डाउन हड़ताल करने का निर्णय लिया है, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री की चुप्पी पर नाराजगी
आंदोलनकारी मुख्यमंत्री की चुप्पी से निराश हैं। देबाशीष ने कहा, "सरकार की इतनी बेरुखी है कि इतने दिन गुजरने के बाद भी मुख्यमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा। हमें सिर्फ मुख्य सचिव के मेल और कुछ नेताओं की प्रतिक्रिया सुनने को मिल रही है। हम मुख्यमंत्री की सीधी प्रतिक्रिया चाहते हैं।"
जूनियर डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।